चंदा- दिलीप कुमार वर्मा
चंदा- दिलीप कुमार वर्मा बबा बता दे चंदा ला हम , मामा काबर कहिथन। ओ राहत आकाश हवय हम, धरती काबर रहिथन। चंदा काबर चमकत रहिथे, इहाँ हवय अँधियारी। ममा दिखत हे उज्जर-उज्जर, दाई निच्चट कारी। गोल मटोल बड़े हर दिखथे, छोटे निच्चट पतला। के भाई मामा मन हावय, बबा आज तँय बतला। मामा के घर कब हम जाबो, कब ओ इहँचे आही। कोन डहर ले रसता हे जे, चंदा घर पहुँचाही। दिन मा काबर ओ नइ आवय, जब हम जागत रहिथन। बबा बता दे चंदा ला हम, मामा काबर कहिथन। रचनाकार- दिलीप कुमार वर्मा बलौदाबाजार