Posts

Showing posts from July, 2022

बोधनराज निषादराज के दू बाल कविता

 बोधनराज निषादराज के दू बाल कविता  *बाल कविता - ममा गाँव* चलौ ममा के  गाँव मा। बर पीपर के  छाँव मा। तीरी   पासा    खेलबो। आमा  अमली झेलबो।। ममा  ददा   दाई  सबो। बहिनी अउ भाई सबो।। सुरता  मोला   आतहे। बइला  गाड़ी  भातहे।। बाबू   गाड़ी   साजही। बइला घुँघरू बाजही।। बोधन राम निषादराज✍️ 💐💐💐💐💐💐 *बाल कविता - डॉक्टर बाबू* डॉक्टर   बाबू  आही। झट ले सुजी लगाही।। झन  तँय  रोबे  नोनी। चपके  रहिबे  पोनी।। सिरतो नहीं जनावय। थोकुन बने पिरावय।। दू ठन  दी  ही  गोली। खाबे  नोनी   भोली।। बीमारी   भग   जाही। तभे मजा  हा  आही।। बोधन राम निषादराज✍️