बाल कविता- श्री सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''
बाल कविता- श्री सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''
मीठ कलिन्दर चानी
नानी नानी नानी,
भरे हववॅं मैं पानी।
मोला देबे तॅंय हा,
बड़े कलिन्दर चानी।
लाली लाली गूदा,
चान चान के खाहूॅं।
करिया करिया बीजा,
फुरक फुरक बगराहूॅं।
ए ओ ए ओ नानी,
मीठ कलिन्दर चानी।
कोने घोरे हावय,
एमा शक्कर पानी।
-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''
गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़
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