बाल कविता - मथुरा प्रसाद वर्मा

 बाल कविता - मथुरा प्रसाद वर्मा


बरसा 


फर फर फर फर पाना डोले।

सन सन सन सन हावा बोले।

करिया करिया बादर छा गे।

अब सब झन के मन हरियागे।

झर झर झर झर बरसे पानी।

होगे चिखला कर मनमानी।


मथुरा प्रसाद वर्मा

ग्राम- कोलिहा बलौदाबाजार

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