शीर्षक- संभल के रद्दा करबे पार

 *बाल कविता*

शीर्षक- संभल के रद्दा करबे पार


रद्दा पार तैं करबे भइया।

बात धियान धरबे भइया।।


पहिली अपन डेरी  देख।

जेवनी देख बात सरेख।।


देख बने अउ  कर  बिचार।

नइ दिखै जब मोटर कार।।


जब रद्दा खाली हो   जाय।

मोटर गाड़ी कांही न आय।।


संभल के रद्दा करबे पार।

तभे कहाबे तैं हुशियार।।


मिनेश कुमार साहू

गंडई जिला राजनांदगांव

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