बाल गीत-नदी
बाल गीत-नदी
खल्लर खल्लर गाना
नदी गात हे गाना
नदी टेड़गा रेंगत बोले।
येती वोती कनिहाँ डोले।
भेंट करत तरिया पोखर सन।
गावत गीत सुहाना।
खल्लर खल्लर गाना ।
नदी गात हे गाना।
कब्भू रेंगय सीधा तन के।
कभू गिरे वो झरना बन के।
खेत खार सन मिले लिपट के।
कुआँ बोर झर जाना।
खल्लर खल्लर गाना।
नदी गात हे गाना।
सावन मा हो जावय हाथी।
गर्मी मा दुब्बर जस चाँटी।
बारी बखरी संग बइठ के।
सुख दुख ला गोठियाना।
नदी गात हे गाना।
खल्लर खल्लर गाना।
शशि साहू बाल्को कोरबा
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