बाल गीत - नदी पहाड़
बाल गीत - नदी पहाड़
आजा पाछू तँय हा बाबू।
तोरे मँय नइ आवँव काबू।।
नीचे आबे ऊपर चघहूँ।
ऊपर चघबे पल्ला भगहूँ।।
हाथ तोर मँय नइतो आवँव।
आगू पाछू तोरे जावँव।।
मोला आँखी झन देखाबे।
ये बाबू तँय हा पछताबे।।
दउड़-दउड़ के तँय थक जाबे।
हाथ कभू नइ मोला पाबे।।
रचनाकार:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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