मुसुवा

 मुसुवा 


कस रे मुसुवा तही बता दे।  

झटकुन कहाँ लुकाथस। 


राँपा कुदरी कहाँ रखे तँय।

कइसे बिला बनाथस। 


कुटुर-कुटुर रतिहा भर बाजय। 

का तँय भला चबाथस। 


कोरा माटी रोज निकाले। 

बता कहाँ ले लाथस। 


तोर बिला हर हे सुरंग कस। 

भूल भुलइया लागे। 


तभे पार कोनो नइ पावय।  

कोन डहर तँय भागे। 


दिलीप कुमार वर्मा

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