बाल कविता कवि - पुरुषोत्तम ठेठवार ( ठेठ )

 बाल कविता 

कवि - पुरुषोत्तम ठेठवार  ( ठेठ ) 

बादर करिया 

बादर करिया आय हे 

पानी पोठ गिराय हे 

मेचका करथे टर टर टर 

चमके बिजुरी लागे डर ।।


पानी पानी खेती खार 

नरुवा नदिया बोहय धार 

तरिया डबरी मा पानी 

बरसत हे बरसा रानी ।।


अर तता के लागे सोर 

करो किसानी जाँगर टोर 

बासी खाके जोतव नाँगर 

बज्जर करके पेरव जाँगर ।।


अन भारी उपजाव जी

उरिद मूंग कमाव जी

बरसत हे करिया बादर 

धान कमा लव जी आगर ।।

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