बाल कविता- रामकली कारे
बाल कविता- रामकली कारे
कुकुर पिला
कुकुर पिला सुन ले रंगीला,
भागत आथस खाये चीला।
खेल- खेलबे संग मोर ता,
रोज खवाहूॅ दूध म चीला।।
भुकते रहिथस भू भू करके,
छू कहे म तॅय जाथस छूवे।
करिया सादा भुरवा ग पिला,
तू- तू कहिथे नोनी शीला।।
किंदरे जाथस बन कचरा मा,
लकड़ी पथरा लाथस खीला।
मान कहे झन बन ग हठीला,
कुकुर पिला सुन ले रंगीला।।
रचनाकार - रामकली कारे
बालको कोरबा (छ.ग.)
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