कहूँ पाँख मोरो होतिस
कहूँ पाँख मोरो होतिस
कहूँ पाँख मोरो होतिस ता।
ऊपर मा उड़ियातेंव।
बरसा के दिन जइसे आतिस।
बादर के घर जातेंव।
बात-बात मा सब बादर ला।
संगी अपन बनातेंव।
बादर के सँग घूम घाम के।
मँय अपनो घर आतेंव।
जइसे गरमी के दिन आतिस।
संगी अपन बलातेंव।
जिहाँ-जिहाँ सूखा रहितिस ता।
बादर उहाँ घुमातेंव।
दिलीप कुमार वर्मा
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