सूरज चाचा-अमृतदास साहू
सूरज चाचा-अमृतदास साहू
पूरब दिशा ले आथस तँय
पश्चिम मा समाथस तँय
सोए रहिथे मनखे तेला
होत बिहनिया जगाथस तँय ।
जाड़ मा अब्बड़ भाथस तँय
गरमी मा बड़ सताथस तँय
संझा बिहने दिखथस लाल
दिन मा आँखी देखाथस तँय ।
बेरा ला सही बताथस तँय
रात ला दिन बनाथस तँय
भूले भटके मनखे मन बर
नवा बिहनिया लाथस तँय ।
अमृत दास साहू
ग्राम कलकसा, डोंगरगढ
राजनांदगाँव (छ ग)
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