शीर्षक - दिल के मँय सिधवा सच्चा अँव
बाल कविता - अशोक धीवर "जलक्षत्री"
विधा/ मात्रा- मुक्तक नुमा कविता/ 16-16
शीर्षक - दिल के मँय सिधवा सच्चा अँव
छोटे मोटे मँय बच्चा अँव।
सबले बढ़िया अउ सच्चा अँव।।
ककरो बर नइ भेदभाव हे।
दिल के मँय सिधवा सच्चा अँव।।
बात मानथँव मँय बड़ भारी।
कोनो ला नइ देवँव गारी।।
सब लइका ले हिलमिल रइथँव।
नइ मारँव जी कभू लबारी।।
मोला सबझन छोटू कइथे।
कतको झन हा मोटू कइथे।
लइका मन हा हँसी उड़ाथे।
खबड़ू पेटू लोटू कइथे।।
रचनाकार-अशोक धीवर "जलक्षत्री"
तुलसी (तिल्दा-नेवरा)
जिला - रायपुर (छत्तीसगढ़)
Comments
Post a Comment