बाल कविता *मुनु बिलाई* देख तो दाई-देख तो दाई, घर मा आगे-मुनु बिलाई, थोरको नइ डेरावत हे, म्याऊ म्याऊ नरियावत हे, चढ़गे हावय कोठी मा, मार ना ओला लउठी मा, लउठी मा जब लागही, खदबद-खदबद भागही, देख तो दाई-देख तो दाई, घर मा आगे-मुनु बिलाई, कृष्णा पारकर सीपत बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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