बाल कविता - चंदा मामा

 बाल कविता - चंदा मामा


चंदा मामा  आजा  तँय घर।

खीर खवाहूँ माली भर-भर।।


मोरे  अँगना  तँय हा आबे।

चंदैनी  ला  घलो   बलाबे।।


खेल खेलबो  रात-रात भर।

संगे  जम्मों फुग्गा ला धर।।


बात   मानले   चंदा  मामा।

बने  खवाहूँ  गुरतुर आमा।।


रद्दा    देखत   रहिहूँ   तोरे।

अँगना  मा  आजाबे  मोरे।।


रचनाकार:-

बोधन राम निषादराज"विनायक"

सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

Comments

Popular posts from this blog

बाल कविता - राकेश कुमार साहू

बाल कविता-

बाल कविता *मुनु बिलाई*