मोर बबा के तर्रा मेंछा
मोर बबा के तर्रा मेंछा
मोर बबा के पँर्री मेंछा।
हावय तर्रा-तर्रा।
देखत जिवरा हर घबराथे।
बबा अबड़ हे खर्रा।
होत बिहानी भर-भर रोटी।
दबा-दबा के खाथे।
देर कहूँ हो जय खाना मा।
फिर भारी चिल्लाथे।
धरे गोटानी गली निकल जय।
देख सबो घबराथें।
तर्रा मेंछा आगे कहिके।
झटपट सबो लुकाथें।
ताव मार मेंछा मा रेंगय।
भले रहय जी पँर्रा।
मोर बबा के तर्रा मेंछा।
हवय बबा कस खर्रा।
दिलीप कुमार वर्मा
शानदार💐💐💐 संकलन बधाई💐💐💐 सबो झन ल
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