मदारी

 मदारी 


गाँव मदारी आय हे। 

डम-डम ढोल बजाय हे।  


नाचत हावय बेंदरा। 

पहिरे चिरहा चेंदरा। 


भालू खेल दिखात हे।  

थोरिक नइ सरमात हे। 


सब के मन हरसात हे

ताली खूब बजात हे


दिलीप कुमार वर्मा

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