बाल गीत- अशोक धीवर "जलक्षत्री"
बाल गीत- अशोक धीवर "जलक्षत्री"
विधा- चौपाई छंद
सगा हमर घर मा आये हे।
खई खजानी धर लाये हे।।
खेले बर खेलौना लाये।
बाजा लाये अबड़ बजाये।
दाई ददा ह खउ ला खाये।
मीठ मिठाई मोला भाये।।
बाजा भाई बहिन बजावै।
छीना झपटी गजब मतावै।।
हाथ बिछलगे गिरगे बाजा।
छरियागे मरकी अउ छाजा।।
भाई बहिनी मुड़ धर रोवै।
तँय फोरे कहि झगरा होवै।।
गीतकार -अशोक धीवर "जलक्षत्री"
ग्राम- तुलसी (तिल्दा-नेवरा)
जिला -रायपुर (छत्तीसगढ़)
सचलभास क्रमांक 9300 716 740
Comments
Post a Comment