बाल गीत - बेंदरा आय शशि साहू - बाल्को

 बाल गीत - बेंदरा आय

शशि साहू - बाल्को


बेंदरा बइठे अमली छाँव

सोचत हे मँय काला खाँव

सबो कटागे बन के रूख

लागत हावय जम के भूख।। 


जेन उजारे हमरे छाँव

जावत हँव मँय उँखरे गाँव

छानी कूदत बेंदरा जाय

झींक पुदक के सबला खाय।। 


बारी बखरी करे उजार

लावय सँग मा घर परिवार

किटकिटावत दाँत देखाय

मार भगावव बेंदरा आय।।

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