बालगीत :- जगदीश "हीरा" साहू
बालगीत :- जगदीश "हीरा" साहू
विषय :- भालू राजा
टोप मूड़ मा पहिरे भालू,
आँखी मा चश्मा दमकाय।
मटक-मटक के रेंगत हावय,
आजू-बाजू देखत जाय।।
का लेवँव मैं सोचत हावय,
भालू राजा पहुँच बजार।
मदुरस देखय बड़ा मगन हो,
लेवय खाये बर भरमार।।
गीतकार :- जगदीश "हीरा" साहू
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