बाल गीत
बाल गीत
आमा मौरे डारी डारी।।
कोयल गावय सदा सुखारी।।
पंछी चहकय ची ची घर मा।।
पकडे़ जावय भागय डर मा।।
रंग बिरंगी तितली उडगे ।।
सूरज छत मा आगे चढ़गे।।
छइहाँ देखव आघू भागय।।
पाछू आवत पाछू आवय।।
भरगे तरिया नदियाँ सुंदर ।।
तउरत हावय लइका अंदर ।।
तौर तौर के लइका भागय।।
वो ही मा गा तमगा पागय।।
टोरय आमा मउहा अमली।।
लाटा कूटय चाटय कमली ।।
देखत मा लार घलो टपकय।।
चूस चूस खावय गा झपटय।।
झूम झूम सब नाचय गावय।।
पेड़ धरा मन सब हरियावय।।
मनके भौरा बन मँडरावय।।
फूल खिलय तितली इतरावय।।
धनेश्वरी सोनी गुल बिलासपुर✍️📚
Comments
Post a Comment