कूलर पंखा

 कूलर पंखा


गर्मी बाढ़त हे बड़ भारी,

टप-टप चुहे पसीना।

लटपट मा गुजरत हे दिन हा, 

दूभर होगे जीना।।


पापा लेके आइस पंखा,

मम्मी भर दिच पानी।

हवा मिलय तब सुग्घर ठंडा,

लगे नीक जिनगानी।।


जगदीश "हीरा" साहू

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