बाल कविता :- जगदीश साहू


 

बाल कविता :- जगदीश साहू


*मिट्ठू*


हरियर-हरियर हवय रंग।

करथे मनखे  सही तंग।।

घूमय घर भर  संग- संग।

देख  परोसी  रहय  दंग।।


पान खाय कस चोंच लाल।

जेन अबड़ करथे कमाल।।

पाठ-सिखाये   ठोंक  ताल।

खाये  मिरचा  लाल-लाल।।


देखय   वो   रस्ता   निटोर।

चिल्लाये  वो  अबड़ जोर।।

पारा  भर  मा   करय  शोर।

निकले सबझन गली खोर।।


बइठे पिंजरा करे काम।

बोले  मिट्ठू राम-राम।।

रटे रात  दिन एक नाम।

खावय रोटी दूध आम।।


जगदीश "हीरा" साहू (व्याख्याता)

कड़ार (भाटापारा), बलौदाबाजार

Comments

Popular posts from this blog

बाल कविता - राकेश कुमार साहू

बाल कविता-

बाल कविता *मुनु बिलाई*