बाल गीत - स्कूल

 बाल गीत - स्कूल


दाई मोला सिलहट देदे,

स्कूल डहर ओ जाहूँ।

पढ़ लिख दाई ये दुनिया मा,

सुग्घर नाम कमाहूँ।।


सैनिक बनके बइरी मन ला,

बढ़िया मजा चखाहूँ।

बने गुरूजी बनके दाई,

लइका घलो पढ़ाहूँ।।


नेता बन के देश धरम बर,

मँय हा मर मिट जाहूँ।

संविधान मा सबके हित बर,

सुग्घर नियम बनाहूँ।।


रचनाकार:-

बोधन राम निषादराज"विनायक"

सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

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