बाल गीत - गोलू भोलू
बाल गीत - गोलू भोलू
रोज मुँदरहा कुकरा बोलय।
चिरई चुरगुन हा मुँह खोलय।।
लाली लाली दिखै अगासा।
मन मा जागय सुग्घर आसा।।
दाई उठ के बड़े बिहनिया।
हउला बोहे जावय पनिया।।
बाबू गरुवा ला रेंगावय।
देख बबा हा चहा बनावय।।
गोलू भोलू चहा बोर के।
खावय बिस्कुट टोर-टोर के।।
रचनाकार:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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