बाल कविता - रामकली कारे मोर ममा दाई
बाल कविता - रामकली कारे
मोर ममा दाई
मोर ममा दाई,
पोसे ग बिलाई।
चुपे चाप वो आके,
खावय दूध मलाई।।
मोर ममा दाई,
पोसे ग बिलाई।
म्याऊॅ म्याऊॅ करके,
करे जीव करलाई।।
मोर ममा दाई,
पोसे ग बिलाई।
राम राम गा कहिके,
रोज कहय दुखहाई।।
रचनाकार - रामकली कारे
बालको कोरबा (छ.ग.)
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