बाल कविता - बोधन राम निषादराज

 बाल कविता - बोधन राम निषादराज

विषय - मिट्ठू


सुग्घर  चना  फोलथे  मिट्ठू।

गुरतुर  बने  बोलथे  मिट्ठू।।


हरियर  पाँखी  भाथे  मिट्ठू।

लाली मिरच सुहाथे  मिट्ठू।।


चोंच फभै चुक लाली मिट्ठू।

लगथे  गोठ  निराली मिट्ठू ।।


लइका  सँग  इतराथे  मिट्ठू।

बइठ भात ला खाथे मिट्ठू।।


मिट्ठू  बड़  चिल्लाथे मिट्ठू।

सुख  संदेश  बताथे  मिट्ठू।।



रचनाकार:-

बोधन राम निषादराज"विनायक"

सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)

Comments

Popular posts from this blog

81 बाल कविताओं का संग्रह- बोधनराम निषादराज

बोधनराज निषादराज के दू बाल कविता

बाल गीत- पेंड़