बाल कविता-द्वारिका प्रसाद लहरे"मौज"
बाल कविता-द्वारिका प्रसाद लहरे"मौज"
विषय-बरफ
देख बरफ वाले हा आय।
पोंप पोंप ओ अबड़ बजाय।
लाली पिंवरी मन ला भाय।
खाये बर जिंवरा ललचाय।।
सब संगी मन दउँड़े जाँय।
एकक दूदी बरफ बिसाँय।
कोनों घुरहा सउघे पाँय।
चुँहक चुँहक के मजा उडाँय।।
बिनती हावय अतके मोर।
दाई देना गठरी छोर।
पैसा माँगय लाला तोर।
आधा बरफ खवाहूँ टोर।।
छंदकार-
द्वारिका प्रसाद लहरे"मौज"
बायपास रोड़ कवर्धा छत्तीसगढ़
Comments
Post a Comment