बाल कविता-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''

 बाल कविता-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''


" छा जा बादर छा जा "


छा जा बादर छा जा।

धर के आजा बाजा।

खेल खेल मा मैं हा, 

आज बने हॅंव राजा।


तोला कहिथें दानी।

बरसा देना पानी।

पटपट पटपट बाजय,

घर के खपरा छानी।


छानी के सब पानी।

ॲंगना मा सकलावय।

मोर नानकन ॲंगना,

टम टम ले भर जावय।


घानी मूनी घानी।

खेला आनी बानी।

छपक छपक छप मनभर,

खेलय मुनिया रानी।


-सुखदेव सिंह''अहिलेश्वर''

गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़

Comments

Popular posts from this blog

बाल कविता - राकेश कुमार साहू

बाल कविता-

बाल कविता *मुनु बिलाई*