फक्कड़ राम

 फक्कड़ राम 


बबलू भइया फक्कड़ राम। 

करय नही एक्को जी काम। 


खाये खातिर अघुआ ताय। 

चिक्कन चिक्कन चाँटत खाय। 


अबड़ लपरहा हावय जान। 

पाक जही सुन तोरो कान। 


जेखर जाँगर सरहा होय। 

झूठ बोल अपने मुँह धोय। 


येती वोती के सब बात।

चुगली करत रहे दिन रात। 


घर समाज बर बोझा ताय। 

अइसन मन ले राम बचाय। 


दिलीप कुमार वर्मा

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