बाल कविता* *शीर्षक-चिरई आथे*

 *बाल कविता*

  *शीर्षक-चिरई आथे*


बड़े बिहना,चिरई आथे।

छानी म बैठे,गाना गाथे।।


कहिथे मोला,दे दव दाना।

झटकुन घलो,हावै जाना।।


नान्हे-नान्हे, लइका मोर।

उठ जाथे बड़ होते भोर।।


चीं चीं चीं चीं, करते होही।

नइ जाँहू त , नँगत   रोही।।


दाना वोला, खवाहूँ  मँय।

उड़े ल घलो,सिखाहूं मंय।।


फुर्रर-फुर्रर,उड़ही अगास।

सपना मोर,उँखर विश्वास।।



मिनेश कुमार साहू

गंडई जिला राजनांदगांव

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