बाल कविता- अमृत दास साहू शीर्षक -घड़ी

 बाल कविता- अमृत दास साहू

 शीर्षक  -घड़ी


घड़ी बाजथे टिक टिक टिक ।

बेरा सदा बताथे ठीक ।

सबके घर अउ हाँथ मा।

चुमचुम ले रहिथे ये फिट।


     रहिथे येकर काँटा तीन।

     चलथे जेहा रात अउ दिन।

     देथे जे पल पल के हिसाब ।

     सेकण्ड मिनट घंटा गिन।


कोनो ना पावय येकर पार।

चलथे जग येकरे रफ्तार ।

देथे ये हा सबला सीख।

झन बइठो कोनो थक हार।

       अमृत दास साहू 

ग्राम -कलकसा ,डोंगरगढ 

जिला- राजनांदगाँव (छ ग)

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