बाल कविता- दिलीप कुमार वर्मा बादर आजा

 बाल कविता- दिलीप कुमार वर्मा 

बादर आजा 


करिया बादर जल्दी आजा। 

जल्दी आके पूरा छा जा। 


सूरज हर आगी बरसाये। 

हमर देह ला खूब जराये। 


आगी मा पानी बरसा दे। 

लगे आग ला सबो बुता दे। 


हरियर हरियर धरती कर दे।  

सब के दुख पीरा ला हर दे। 


रचनाकार- दिलीप कुमार वर्मा 

बलौदाबाजार छत्तीसगढ़

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