हाथी के गाड़ी-दिलीप वर्मा
हाथी के गाड़ी-दिलीप वर्मा
हाथी गाड़ी एक मँगाइस।
ओमा हथनी ला बइठाइस।
अपन डरावल बन के बइठे।
गाड़ी बपुरा रच रिच अइठे।
घर घिर घर घिर करत चलत हे।
धुँआ निकालत खूब जलत हे।
मजा लुटे तक नइ वो पावय।
चारो चक्का फुस हो जावय।
दिलीप कुमार वर्मा
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