बाल कविता रचनाकार श्रीमती पद्मा साहू "पर्वणी" शीर्षक__ *आमा*
बाल कविता
रचनाकार श्रीमती पद्मा साहू "पर्वणी"
शीर्षक__ *आमा*
जाड़ भगागे जाड़ भगागे।
गरमी आगे गरमी आगे।।
आमा तरबूज चार आगे ।
बाग बगीचा आमा पाके। ।
दसरिया लंगड़ा कलमी आमा।
धर के लाइस झोला भर मामा ।।
आमा अबड़ रसदार हवय ।
नाना हमर मजेदार हवय।।
चुस चुस के आमा खायेन।
नाना धर सब छुट्टी मनायेन।
नानी आमा पपड़ी बनाइस ।
कच्चा आमा के पना पिलाइस।।
पद्मा साहू "पर्वणी"
खैरागढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़
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