बाल गीत - मछरी
बाल गीत - मछरी
रिमझिम-रिमझिम पानी बरसय।
नरवा तरिया मन बड़ हरषय।।
मछरी कूदन लागय छम-छम।
ढोल बजाय मेचका डम-डम।।
देख टेंगना झट पट आवय।
साँवल भुंडा गीत सुनावय।।
बनय मोंगरी दूल्हा राजा।
कछुवा पेट बजावय बाजा।।
सबो किसम के मछरी आवय।
लइका मन के बड़ मन भावय।।
रचनाकार:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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