बाल कविता - *गँवई गाँव मा*

 बाल कविता - *गँवई गाँव मा*


सुआ   परेवा   बोलथे।

डारा   पाना   डोलथे।।


कौआ  करथे  काँव ले।

हुड़रा बिघवा  हाँव ले।।


मुनू    बिलाई   झाँकथे।

कुकुर घलो हा ताकथे।।


कोकिल कुहकै डार मा।

मंजुर  डहकै  खार मा।।


लइका  बर के छाँव मा।

जुरथे   गँवई  गाँव मा।।


रचनाकार:-

बोधन राम निषादराज

सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम

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