बाल गीत योग सिखाओ

 बाल गीत 

योग सिखाओ 


हाथी दादा जल्दी आओ। 

हमको योग जरा सिखलाओ। 


कैसे स्वांस हमें लेना है। 

ध्यान कहाँ हमको देना है। 


बज्रासन में बैठें कैसे। 

सब होता है जैसे तैसे। 


कुछ करके हमको दिखलाओ। 

हमको योग जरा सिखलाओ।  


ताड़ासन कैसे उठना है। 

कुंभासन कितना झुकना है।  


शिरसासन अब होगा कैसे। 

देह भयंकर भैसे जैसे। 


हल आसन का राज बताओ। 

हाथी दादा जल्दी आओ।

 

रचनाकार- दिलीप कुमार वर्मा 

बलौदाबाजार छत्तीसगढ़

Comments

Popular posts from this blog

बाल कविता - राकेश कुमार साहू

बाल कविता-

बाल कविता *मुनु बिलाई*