पेड़ लगावय (शंकर छंद)
पेड़ लगावय (शंकर छंद)
चुन्नी मुन्नी सोना बबलू,
होय झट तैयार।
धरके रापा कुदरी झउहाँ,
जाय तरिया पार।।
जुरमिल पेड़ लगावय बढ़िया,
घेर परिया मेड़।
साजा सरई आमा पीपर,
नीम अउ बर पेड़।।
करथे सब्बो मिल सँगवारी,
आज वादा एक।
हमन जतन करबो रुखवा के,
काम हावय नेक।।
काँटव झन ये रुख राई ला,
देत सुख के छाँव।
आवव अलख जगाबो मिलके,
शहर जम्मो गाँव।।
-हेमलाल साहू
छंद साधक सत्र-1
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा
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