बाल कविता - पेड़ लगावव*

 *बाल कविता - पेड़ लगावव*


आवव  भाई  आगू  आवव।

बंजर भुइयाँ ला हरियावव।।


फूल जड़ी बूटी  मिल जाही।

शुद्ध  हवा  पानी  हा आही।।


एक  पेड़  के  कीमत  भारी।

कभू चलाहू  झन जी आरी।।


खेत खार अउ नरवा  तरिया।

झन छूँटय जी खाली परिया।।


हरियर - हरियर  पेड़ लगाहू।

तभे  छाँव  सुग्घर सब पाहू।।


बोधन राम निषादराज✍️

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