बाल कविता*

 *बाल कविता*


चलव संगी स्कूल जाबो पढ़े बर।

नवा देश के नवा रद्दा ल गढ़े बर।।


दाई-ददा मन दिनभर,

खेत मा काम करथें।

हम ला पढ़ाय लिखाय बर,

रात-दिन जी घिलरथें।।

चलत हावय बइला-नाँगर,

तत्ता-तत्ता अर्र अर्र...

नवा देश के नवा रद्दा गढ़ेबर।।


चलव संगी पढ़-लिख के,

हम देश ला साक्षर बनाबो।

देश मा फइले अँधियारी ला,

हमन सब दूरिहा भगाबो।।

चलत हावय शिक्षा अभियान,

गाँव-गाँव अउ शहर...

नवा देश के नवा रद्दा गढ़ेबर।।


देश में बाढ़े जनसंख्या ला,

हम मिलके कम कराबो।

"हम दो हमारे दो" के,

नारा हमन जी लगाबो।।

कोनों वकील डाक्टर बनबो, 

कोनो पूलिस आफिसर....

नवा देश के नवा रद्दा गढ़ेबर।।


राजकुमार निषाद "राज"

छंद साधक-सत्र-16

बिरोदा, धमधा जिला दुर्ग

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