बाल कविता ---बिजली*
*बाल कविता ---बिजली*
बिजली रानी बिजली रानी ।
बड़ सुग्घर हे तोर कहानी ।।
तार- तार मा तँय हा भागे ।
गाँव- गाँव उजियारी आगे ।।
तहीं चलाथस कूलर हीटर ।
राखय जम्मो घर के भीतर ।।
घर-अँगना चकचक ले लागे ।
बिजली ले अँधियारी भागे ।।
सबो काम तोरे ले होवय ।
एहा कपड़ा तक ला धोवय ।।
*मुकेश उइके "मयारू"*
छंद साधक-- सत्र 16
पाली, जिला-- कोरबा
Comments
Post a Comment