81 बाल कविताओं का संग्रह- बोधनराम निषादराज
81 बाल कविताओं का संग्रह- बोधनराम निषादराज बाल कविता संग्रह 2021 (छत्तीसगढ़ी मात्रिक रचना) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ (1) सरस्वती दाई दाई ओ वरदान दे। वीणा के सुर तान दे।। मँय अड़हा हँव शारदा, मोला थोकन ज्ञान दे। आखर जोत जलाय के मोर डहर ओ ध्यान दे। जग मा नाम कमाय बर, मोला कुछ पहिचान दे। तोरे चरन पखारहूँ, सेवक ला ओ मान दे।। ~~~~~~~~~~~~~~~ (2) गुरु वंदना पइँया लागँव हे गुरुवर। रद्दा रेंगँव अँगरी धर।। चरण - शरण मा आए हँव। तुँहरे गुन ला गाए हँव।। मँय अड़हा अज्ञानी जी। दौ अशीष वरदानी जी।। जग के तारनहारी जी। जावँव मँय बलिहारी जी।। पार लगादौ नइया जी। गुरुवर लाज बचइया जी।। ~~~~~~~~~~~~~~~~ (3) हाथी दादा पहन पजामा हाथी दादा। आमा टोरय मार लबादा।। आमा हा गिरगे पानी मा। मँगरा के जी रजधानी मा।। मँगरा धरके सुग्घर खावय। हाथी दादा बड़ चुचवावय।। टप टप टप टप लार बहावय। मँगरा पानी दउड़ लगावय।। हाथी मँगरा काहन लागय। भीख दया के माँगन लागय।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ (4) गोलू भोलू रोज मुँदरहा कुकरा बोलय। चिरई चुरगुन हा मुँह खोलय